Ncert class 12th political science chapter 3 solution and notes

दोस्तों आज की इस पोस्ट में मैं आपसभी के लिए Ncert class 12th political science notes chapter 3 लेकर के आया हूँ | इससे पिछले वाले पोस्ट में मैंने Ncert class 12th political science notes chapter 2 का notes दिया था तो आज chapter 3 का notes देखिये :- 

Ncert class 12th political science notes chapter

Q. एकधुवीय व्यवस्था किसे कहते हैं ?

उत्तर- एकभुवीय व्यवस्था- 25 दिसम्बर, 1991 से पहले विश्व में दो ध्रुवीय व्यवस्था की। 1991 में सोवियत संघ का औपचारिक रूप से विघटन और उससे कुछ समय पहले पूर्वी यूरोप के देशों से कम्युनिस्ट शासनों के खत्म होने से सन् 1945-1991 के बीच के काल की इस दो ध्रुवीय व्यवस्था का अंत हो गया। अब चूँकि अंतर्राष्ट्रीय राजनीति में अमरीकी नेतृत्व वाला केवल एक खेमा रह गया था, इसलिए इसे एकध्रुवीय व्यवस्था कहा जाने लगा।

Q. बहुधुवीय विश्व क्या है ? यह एकल-ध्रुवीय विश्व से किस प्रकार भिन्न है ?

उत्तर- बहुधुवीय विश्व से अभिप्राय है कि अंतर्राष्ट्रीय फलक पर कई शक्तियाँ हों, सुरक्षा की सामूहिक जिम्मेदारी हो। क्षेत्रीयताओं को ज्यादा जगह मिले और अंतर्राष्ट्रीय संघर्षों का समाधान बातचीत के द्वारा हो और हर देश की स्वतंत्र विदेश नीति हो। एकल ध्रुवीय विश्व में अंतर्राष्ट्रीय फलक पर केवल एक ही शक्ति का दबदबा होता है। जैसा 1991 में सोवियत संघ के विघटन के बाद विश्व में अमेरिका एक महाशक्ति बन गया।

Q. प्रथम खाड़ी युद्ध किसे कहते हैं ?

उत्तर- कुवैत से इराक के कब्जे को हटाने के लिए दुनिया के 34 देशों के मिले-जुले सैनिकों इराक के विरुद्ध मोर्चा खोला और उसे परास्त कर दिया। इसे प्रथम खाड़ी युद्ध कहा जाता है।

Q. ऑपरेशन इनफाइनाइट रीच क्या है ?

उत्तर- सूडान और अफगानिस्तान के अलकायदा के ठिकानों को नष्ट करने के लिए अमेरिका के सैन्य अभियान को ऑपरेशन इनफाइनाइट रीच कहा जाता है। 

Q. अमेरिका के वर्चस्व की शुरुआत कब हुई ?

उत्तर-अमेरिका के वर्चस्व की शुरुआत 1991 में हुई जब एक ताकत के रूप में सोवियत संघ अंतर्राष्ट्रीय परिदृश्य से गायब हो गया।

Ncert class 12th political science notes chapter 3

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Q. अमेरिका की दमनकारी कुटनीति के कुछ उदाहरण दें।

उत्तर- अब अमेरिका एकमात्र महाशक्ति है जो अन्य देशों पर दबाव डालकर अपनी कुटनीति का प्रयोग कर रहा है। उसके दबाव के कारण उत्तरी कोरिया ने परमाणु अप्रसारसंधि पर हस्ताक्षर किए। उसने 1991 ई० में खाड़ी युद्ध के माध्यम से कुवैत को इराकी कब्जे से मुक्त कराया। 2001 ई० में अफगानिस्तान पर आक्रमण करके वहाँ तालिबान का शासन समाप्त किया गया। 2003 ई० में इराक पर आक्रमण करके वहाँ सद्दाम हुसैन का अधिनायकवादी शासन मिटाकर लोकप्रिय शासन स्थापित किया गया। कहीं सर्वसत्तावाद का अंत तो कहीं मानव अधिकारों की सुरक्षा का तर्क गढ़कर अमेरिका अन्य देशों के घरेलू मामलों में हस्तक्षेप करता है।

Q. किन्हीं दो कारणों को लिखें, जिनकी वजह से दूसरे विश्वयुद्ध के बाद अमेरिका विश्व की सबसे बड़ी शक्ति बनकर उभरा।

उत्तर-(i) अमेरिका द्वारा जापान के विरुद्ध परमाणु बम के प्रयोग से उसकी धाक विश्व में
जम गई।
(ii) युद्ध के दौरान तथा बाद में अमेरिका का निर्यात बढ़ा तथा वह विश्व की सबसे बड़ी
आर्थिक शक्ति बन गया।

Q. इराक पर अमेरिकी आक्रमण के दो वास्तविक उद्देश्य लिखें।

उत्तर-(i) इराक के तेल भंडार पर अमेरिकी नियन्त्रण बनाना। अमेरिका एक विकसित देश है यद्यपि उसके पास विश्व में लगभग तेल के 40 प्रतिशत संसाधन मौजूद हैं लेकिन वह तेल के लिए हमेशा लालायित रहता है। वह इराक सहित सभी तेल उत्पादक देशों को नियंत्रण में रखना चाहता है ताकि उसकी यातायात, सैन्य और अन्य संबंधित तेल आवश्यकताओं के साधन कभी भी किसी संकट का सामना न करे।

(ii) अमेरिका चाहता है कि इराक में उसकी मनपसंद सरकार कायम रहे ताकि कुवैत सहित अन्य खाड़ी और तेल उत्पादक देश उनके मित्र और सहयोगी बने रहे। अमेरिका अपने वर्चस्व को बनाए रखने के लिए इराक सहित सभी देशों में अपनी मनपसंद सरकार कायम रखना चाहता है।

Q. 'नई विश्व व्यवस्था' क्या थी ?

उत्तर- जब संयुक्त राष्ट्र संघ ने कुवैत को इराक से मुक्त कराने के लिए बल के प्रयोग की अनुमति दी, तो अमेरीका ने इसे 'नई विश्व व्यवस्था' की संज्ञा दी।

Q. कम्प्यूटर युद्ध क्या है ?

उत्तर-प्रथम खाड़ी युद्ध के समय बड़े विज्ञापनी अंदाज में अमेरिका ने तथाकथित 'स्मार्ट बमों' का प्रयोग किया। इसके चलते कुछ पर्यवेक्षकों ने इसे 'कम्प्यूटर' युद्ध की संज्ञा दी। इस युद्ध की टेलीविजन पर व्यापक कवरेज हुई और यह एक वीडियो गेम वार' में तब्दील हो गया। दुनिया भर के दर्शकों ने देखा कि इराकी सेना किस तरह धराशायी हो रही है।

Q. वर्चस्व का अर्थ क्या है ? समझाएँ।

उत्तर- वर्चस्व- यह राजनीति की एक ऐसी कहानी है जो शक्ति के इर्द-गिर्द घूमती है। किसी भी आम आदमी की तरह हर समूह भी ताकत पाना और कायम रखना चाहता है। हम रोजाना बात करते हैं कि फलां आदमी ताकतवर होता जा रहा है या ताकतवर बनने पर तुला हुआ है। विश्व राजनीति में भी विभिन्न देश या देशों के समूह ताकत पाने और कायम रखने की लगातार कोशिश करते हैं। यह ताकत सैन्य प्रभुत्व, आर्थिक-शक्ति, राजनीतिक रुतबे और सांस्कृतिक बढ़त के रूप में होती है। अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था में ताकत का एक ही केन्द्र हो तो इसे 'वर्चस्व' शब्द के इस्तेमाल से वर्णित करना ज्यादा उचित होगा।

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Q. प्रथम खाड़ी युद्ध के किन्हीं चार परिणामों को बताएँ।

उत्तर- प्रथम खाड़ी युद्ध के निम्नांकित परिणाम हुए-
(i) कुवैत को इराक के नियंत्रण से मुक्त करा लिया गया।
(ii) युद्ध से यह स्पष्ट हो गया कि अमेरीका की सैन्य शक्ति अन्य देशों से कहीं अधिक है। इसमें 'स्मार्ट बमों का प्रयोग किया गया।
(iii) यह एक 'कम्प्यूटर युद्ध' था क्योंकि इसे टेलीविजन पर व्यापक रूप से दर्शाया गया था जो एक वीडियो गेम वार' में परिवर्तित हुआ। विश्व भर में लोग अपने टी०वी० पर इसे देख रहे थे।
(iv) अमेरीका को इस युद्ध से आर्थिक लाभ हुआ क्योंकि जितना धन उसे जर्मनी, जापान और सऊदी अरब आदि देशों से प्राप्त हुआ था, उससे कम ही उसने खर्च किया था।

Q. 2003 ई० में इराक पर अमेरिकी आक्रमण का उल्लेख करें।

उत्तर--(i) सन् 2003 ई० में 19 मार्च को अमेरिका ने 'आपरेशन इराकी फ्रीडम' के कूटनाम से इराक पर सैन्य हमला किया। अमेरिकी अगुआई वाले 'आकांक्षियों के महाजोट (Coalition of the Willing) में 40 से ज्यादा देश शामिल
(ii) संयुक्त राष्ट्र संघ ने इराक पर इस हमले की अनुमति नहीं दी थी। दिखावे के लिए कहा गया कि सामूहिक संहार के हथियार (WMD) बनाने से रोकने के लिए इराक पर हमला किया गया है। परन्तु इराक में सामूहिक संहार के हथियारों की मौजूदगी के कोई प्रमाण नहीं मिले।
(iii) वस्तुतः इराक पर अमेरिकी हमले का मूल मकसद इराक के तेल भंडार पर नियंत्रण करना और इराक में अमेरिका की मनपंसद सरकार कायम करना था।
(iv) सद्दाम हुसैन की सरकार तो चंद रोज में जाती रही लेकिन इराक को शांत कर पाने में अमेरिका सफल नहीं हो सका। इराक में अमेरिका के खिलाफ एक पूर्णव्यापी विद्रोह भड़क उठा।
(v) अमेरिका के 3000 सैनिक इस युद्ध में खेत (वीरगति को प्राप्त) रहे जबकि इराक के सैनिक कहीं ज्यादा संख्या में मारे गए। एक अनुमान के अनुसार अमेरिकी हमले के बाद लगभग 50,000 नागरिक मारे गए। एक महत्त्वपूर्ण अर्थ में इराक पर अमेरिकी हमला सैन्य और राजनीतिक धरातल पर असफल सिद्ध हुआ

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Q. नई विश्व-व्यवस्था की शुरुआत कब और कैसे हुई ? समझाएँ ।

उत्तर- नई विश्व-व्यवस्था की शुरुआत 1991 में हुई जब एक ताकत के रूप में सोवियत संघ अंतर्राष्ट्रीय परिदृश्य से गायब हो गया। एक सीमा तक यह बात सही है लेकिन हमें इसके साथ-साथ दो और बातों का ध्यान रखना होगा।
(i) पहली बात यह कि अमेरीकी वर्चस्व के कुछ पहलुओं का इतिहास 1991 तक सीमित नहीं है बल्कि इससे कहीं पीछे दूसरे विश्वयुद्ध की समाप्ति के समय 1945 तक जाता है।
(ii) दूसरी बात अमेरीका ने 1991 में वर्चस्वकारी ताकत की तरह बरताव करना नहीं शुरू किया । दरअसल यह बात ही बहुत बाद में जाकर साफ हुई कि दुनिया वर्चस्व के दौर में जी रही है। 1990 के अगस्त में इराक ने कुवैत पर हमला किया और बड़ी तेजी से उस पर कब्जा जमा लिया। इराक को समझाने-बुझाने की तमाम राजनैयिक कोशिशें जब नाकाम रहीं तो संयुक्त राष्ट्रसंघ ने कुवैत को मुक्त कराने के लिए बल प्रयोग की अनुमति दे दी। शीतयुद्ध के दौरान ज्यादातर मामलों में चुप्पी साध लेने वाले संयुक्त राष्ट्रसंघ के लिहाज से यह एक नाटकीय फैसला था। अमेरीकी जॉर्ज बुश ने इसे नई विश्व व्यवस्था की संज्ञा दी।

Q. . 9/11 के आतंकवादी हमले तथा उसके प्रभावों का विवरण दें।

उत्तर- (i) 11 सितम्बर, 2001 ई० के दिन विभिन्न अरब देशों के 19 अपहरणकर्ताओं ने उड़ान भरने के चंद मिनटों बाद चार अमेरिकी व्यावसायिक विमानों पर कब्जा कर लिया। अपहरणकर्ता इन विमानों को अमेरिका की महत्त्वपूर्ण इमारतों की सीध में उड़ाकर ले गए।
(ii) दो विमान न्यूयार्क स्थित वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के उत्तरी और दक्षिणी टावर से टकराए। तीसरा विमान वर्जिनिया के अर्लिंगटन स्थित पेंटागन से टकराया। पेंटागन में अमेरिकी रक्षा-विभाग का मुख्यालय है। चौथे विमान को अमेरिकी काँग्रेस की मुख्य इमारत से टकराना था, लेकिन वह पेन्सिलवेनिया के एक खेत में गिर गया। इस हमले को 'नाइन इलेवन' (9/11) कहा जाता है। 
आतंकवादी हमले के प्रभाव-
(i) इस हमले में लगभग तीन हजार व्यक्ति मारे गए। अमेरिकियों के लिए यह दिलदहला देने वाला अनुभव था।
(ii) अमेरिकी जमीन पर यह अब तक का सबसे गंभीर हमला था, इससे जानमाल की अपार हानि हुई। अमेरिका सन् 1776 ई० में एक स्वतंत्र देश बनने के बाद उसने इतना बड़ा हमला नहीं झेला था।
(ii) अमेरिका द्वारा जवाबी कार्रवाई 'ऑपरेशन इंड्यूरिंग फ्रीडम'- 'आतंकवाद के विरुद्ध विश्वव्यापी युद्ध' के अंग के रूप में 'ऑपरेशन इंड्यूरिंग फ्रीडम' चलाया गया। यह कार्रवाई अल-कायदा और अफगानिस्तान के तालिबान शासन के विरुद्ध की गयी। अमेरिका ने विश्व भर में गिरफ्तारियाँ की। तालिबान शासन के पाँव जल्दी की उखड़ गये, लेकिन तालिबान और अल-कायदा के अवशेष अब भी सक्रिय हैं।
 

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i).
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